कर्म और न्याय | Voice Act Title: Karm Aur Nyaye Writer: Relax (K.) @RelaxWrites Voice-over: Relax (K.) @RelaxWrites BG Music: Canva Free Library Recorded by Phone वत्स, मनुष्य लिखता है, अपना हर कर्म, अपनी मेहनत, और बुद्धि से। परंतु कभी इच्छा शक्ति बेचैन सी लगती है, समय समय पर, अतिथ के फल प्रकट करती है। और जो होना है, भविष्य में, उसी की चिंता, वर्तमान को भंग करती है। योद्धा हर जंग को आखिरी कह कर लड़ता है, कामयाब होकर फिर से, अपने अंत का इंतज़ार करता है। वे अपनी प्रजा के लिए मिटने को राजी हैं, पर अपनों से ही दूर होना पड़ता है। यही उलझन है, जो उसे बार-बार सताती है, यही वो घड़ी, जो उसे हर बार बताती है। कि लड़ना तुझको रोज़ पड़ेगा, नहीं होगी शमा और शांति। विजयेता युद्ध का खुद ही होगा, पर खुद से लड़ी है क्रांति। ~ Relax (One of me)